अंतर्मन - मानव का वो साथी है जो उसको हमेशा अहसास दिलाता है की मानव भगवान का अंश है सच्चे अर्थो में हमेशा साथ खड़ा रहने वाला दोस्त अंतर्मन ही तो है जो हमेशा हमे कुछ भी गलत करने से रोकता है किसी भी काम से पहले मन कहता है रुक, सोच ले और हर गलत कदम पे वो अहसास कराता है कि भगवान देख रहा है लेकिन, आदमी अंतर्मन की आवाज को अनसुना कर आगे बढ़ता है; सभी गलत काम करता है, लोगो को ठगता है और फिर कहता है कि अच्छा हुआ जो ये काम कर लिया, कितना पैसा कमा लिया (जबकि उस समय भी अंतर्मन कहीं डर रहा होता है)

जब यह योजना बनी की अंग्रेजी ब्लॉग में रोसेन लगातार कुछ लिख रही है और मैं पंचतत्व में हिंदी ब्लॉग की कमी को पूरा करूँ तो मुझे लगा कि अंतर्मन की आवाज से बेहतर और क्या होगा लिखने को - जिसे हम सब सामने नहीं आने देना चाहते कोशिश है एक छोटी सी अंतर्मन की दशा बताने की - अगर लगे कि मैं उस आवाज को सुन पाया हूँ तो स्वागत करना; अन्यथा, एक दोस्त की तरह मुझसे इस बात की मंत्रणा करना कि क्यों मैं चाह कर भी अंतर्मन की आवाज़ सुन नहीं पाया

Thursday, August 22, 2013

कटते पेड सिर्फ वायु प्रदुषण का कारण नहीं बन रहे है बल्कि हज़ारो तरह के जीव जंतु भी कटते पेडो के कारन अकाल म्रत्यु को प्राप्त हो रहे हैं | ये एक शुरुआत है जीवन के धरती से जाने की | हर वर्ष बहुत से कीड़े मकोड़े और वृक्षों की प्रजातियां धरती से पूरी तरह नष्ट हो जा रही है इनको बचाने की जिम्मेदारी हमारी है क्यूंकि हमारी जिंदगी भी इन सब के संतुलन से जुडी है |संतुलन का अभाव बहुत सी प्रजातियों को तो धरती से मिटा ही देगा लेकिन उनके मिटने के कारन जो प्रभाव पैदा होंगे वो इंसानों के लिए भी बहुत सुखद नहीं होंगे | धरती पर आने वाले कुछ वर्षों में नयी तरह की त्रासदियाँ देखने को मिलने वाली है और किस इंसान का किस त्रासदी से सामना हो जाए इसका पता किसी को नहीं है ... जागने का समय आ गया है

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