अंतर्मन - मानव का वो साथी है जो उसको हमेशा अहसास दिलाता है की मानव भगवान का अंश है सच्चे अर्थो में हमेशा साथ खड़ा रहने वाला दोस्त अंतर्मन ही तो है जो हमेशा हमे कुछ भी गलत करने से रोकता है किसी भी काम से पहले मन कहता है रुक, सोच ले और हर गलत कदम पे वो अहसास कराता है कि भगवान देख रहा है लेकिन, आदमी अंतर्मन की आवाज को अनसुना कर आगे बढ़ता है; सभी गलत काम करता है, लोगो को ठगता है और फिर कहता है कि अच्छा हुआ जो ये काम कर लिया, कितना पैसा कमा लिया (जबकि उस समय भी अंतर्मन कहीं डर रहा होता है)

जब यह योजना बनी की अंग्रेजी ब्लॉग में रोसेन लगातार कुछ लिख रही है और मैं पंचतत्व में हिंदी ब्लॉग की कमी को पूरा करूँ तो मुझे लगा कि अंतर्मन की आवाज से बेहतर और क्या होगा लिखने को - जिसे हम सब सामने नहीं आने देना चाहते कोशिश है एक छोटी सी अंतर्मन की दशा बताने की - अगर लगे कि मैं उस आवाज को सुन पाया हूँ तो स्वागत करना; अन्यथा, एक दोस्त की तरह मुझसे इस बात की मंत्रणा करना कि क्यों मैं चाह कर भी अंतर्मन की आवाज़ सुन नहीं पाया

Monday, October 24, 2011

एक नया विचार


क्यूँ न इस दीवाली एक नया विचार करे | दोस्तों को मिले तो बिना गिफ्ट के मिले | ये भी क्या परम्पराएँ हम शुरू कर बैठे की तुम मेरे यहाँ आना तो गिफट लेते आना और फिर मैं तेरे यहाँ जाऊंगा तो गिफ्ट लेता जाऊंगा | बड़ी बड़ी कंपनियां चांदी काट रही है और मध्यम वर्ग डिब्बों के रेट उलट पलट रहा है की किस दोस्त को क्या देना है, कौन सा रिश्तेदार कितनी हैसियत का है | कोई दोस्त महंगा गिफ्ट देता है तो उसको गिफ्ट भी महंग...ा ही वापिस करना होगा और कोई हल्का दोस्त तो गिफ्ट भी हल्का दे दो | ऐसा माहौल बनाया जा रहा है , टीवी और सारा मीडिया आपको ये बताने पर लगा है की कितना कितना सामान कहाँ कहाँ बेचा जा रहा है | ये खबरे नहीं है दोस्तों ये आपका दिमाग घुमाने की साजिश है की आपको लगे सारी दुनिया लगी है सामान खरीदने में आप रह गए पीछे | इस साल इस विचार पर काम करे, दीवाली को दीवाला न बनाए

दोस्तों , इस साल दोस्ती को सेलिब्रेट करे|

बदलो समाज को , लाओ नए विचार और शुरुआत करो अगर कुछ अच्छा लगे |

दीवाली की शुभकामनाये

2 comments:

  1. good thought...
    Right way to celebrate Diwali...
    Happy Diwali

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