अंतर्मन - मानव का वो साथी है जो उसको हमेशा अहसास दिलाता है की मानव भगवान का अंश है सच्चे अर्थो में हमेशा साथ खड़ा रहने वाला दोस्त अंतर्मन ही तो है जो हमेशा हमे कुछ भी गलत करने से रोकता है किसी भी काम से पहले मन कहता है रुक, सोच ले और हर गलत कदम पे वो अहसास कराता है कि भगवान देख रहा है लेकिन, आदमी अंतर्मन की आवाज को अनसुना कर आगे बढ़ता है; सभी गलत काम करता है, लोगो को ठगता है और फिर कहता है कि अच्छा हुआ जो ये काम कर लिया, कितना पैसा कमा लिया (जबकि उस समय भी अंतर्मन कहीं डर रहा होता है)

जब यह योजना बनी की अंग्रेजी ब्लॉग में रोसेन लगातार कुछ लिख रही है और मैं पंचतत्व में हिंदी ब्लॉग की कमी को पूरा करूँ तो मुझे लगा कि अंतर्मन की आवाज से बेहतर और क्या होगा लिखने को - जिसे हम सब सामने नहीं आने देना चाहते कोशिश है एक छोटी सी अंतर्मन की दशा बताने की - अगर लगे कि मैं उस आवाज को सुन पाया हूँ तो स्वागत करना; अन्यथा, एक दोस्त की तरह मुझसे इस बात की मंत्रणा करना कि क्यों मैं चाह कर भी अंतर्मन की आवाज़ सुन नहीं पाया

Thursday, April 19, 2012

विटामिन डी की जरूरत




नए शोध के अनुसार भारतीय लोगो में बहुत तेजी से विटामिन डी की कमी हो रही है , जिसका मुख्य कारण लोगो का धुप से बचना है | विटामिन डी की कमी से हमारा शरीर कैल्शियम नहीं सोखता तथा चालीस साल के बाद पूरे शरीर में दर्द रहने लगता है तथा हम ओस्टियोपोरोंसिस की तरफ बढ़ने लगते हैं | आजकल अपने शरीर को ढ़क् कर चलने का एक फैशन हो गया है जिसके कारण आने वाले समय में बहत सी नयी मुसीबते भारतीय समाज पर आने वाली हैं | शरीर केवल ३०-४० मिनट में जरूरत का विटामिन सोख लेता है | आइये धुप का सामना करे और खुद पर तरस खाए | इसी शोध में एक बात और बताई गयी की भारत में सन स्क्रीन लोशन की हमें आवश्यकता ही नहीं होती जबकि यहाँ धडल्ले से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है | अगर आप ये इस्तेमाल भी करते हैं तो इसका ऐ पी एफ फेक्टर १२ से ज्यादा नहीं होना चाहिए | अगर ४० साल के बाद हड्डियों के टूटने का खतरा मोल नहीं लेना चाहते तो कुछ देर धुप में गुजारे | काली या सांवली स्किन के लोगो को कम से कम तीस प्रतिशत ज्यादा धुप का सामना करना होता है विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए |




विटामिन डी किसी भी शाक सब्जियों में नहीं पाया जाता | माँसाहारी लोगो को कुछ मांस के सेवन से इसकी बहुत ही सूक्ष्म मात्र में पूर्ती हो सकती है | लेकिन इसकी अगर आपके शरीर में कमी है तो इसकी बहार से खुराक ही लेनी पड़ती है | भारतीय लोग ज्यादातर शाकाहारी होते हैं या मांस उनकी रोज के खाने में शामिल नहीं होता इसलिए बहुत तेजी से इस कमी का शिकार हो रहे हैं | आजकल लड़कियों एवं महिलाओं के लिए मुह ढकना एवं हाथो को धुप से बचाने के लिए उन पर दस्ताने पहनना आम है , ये सब आने वाले समय में एक महामारी के रूप में सामने आएगा | लक्षण दिखने लगे हैं क्यूंकि हमारे आस पास ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी गिरने मात्र से ही कूल्हे की हड्डिय टूट चुकी हैं | आइये जागरूक करे अपने दोस्तों और अपने प्रियो को

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