अंतर्मन - मानव का वो साथी है जो उसको हमेशा अहसास दिलाता है की मानव भगवान का अंश है सच्चे अर्थो में हमेशा साथ खड़ा रहने वाला दोस्त अंतर्मन ही तो है जो हमेशा हमे कुछ भी गलत करने से रोकता है किसी भी काम से पहले मन कहता है रुक, सोच ले और हर गलत कदम पे वो अहसास कराता है कि भगवान देख रहा है लेकिन, आदमी अंतर्मन की आवाज को अनसुना कर आगे बढ़ता है; सभी गलत काम करता है, लोगो को ठगता है और फिर कहता है कि अच्छा हुआ जो ये काम कर लिया, कितना पैसा कमा लिया (जबकि उस समय भी अंतर्मन कहीं डर रहा होता है)

जब यह योजना बनी की अंग्रेजी ब्लॉग में रोसेन लगातार कुछ लिख रही है और मैं पंचतत्व में हिंदी ब्लॉग की कमी को पूरा करूँ तो मुझे लगा कि अंतर्मन की आवाज से बेहतर और क्या होगा लिखने को - जिसे हम सब सामने नहीं आने देना चाहते कोशिश है एक छोटी सी अंतर्मन की दशा बताने की - अगर लगे कि मैं उस आवाज को सुन पाया हूँ तो स्वागत करना; अन्यथा, एक दोस्त की तरह मुझसे इस बात की मंत्रणा करना कि क्यों मैं चाह कर भी अंतर्मन की आवाज़ सुन नहीं पाया

Tuesday, March 25, 2014

साफ़ सफाई ( Speech )

आज हम यहाँ सफाई और स्वास्थ्य पर चर्चा के लिए इकठ्ठा हुए है ... सफाई और स्वस्थ्य कैसे एक दूसरे के पूरक है ये बात हम भली भाँती जानते हैं .... लेकिन आज मैं इस पूरी बहस को एक अलग दिशा देना चाहता हूँ .... मैं ये जानना चाहता हूँ की हम से कौन है जो ये बाते नहीं जानता
१.        रोज नहाना स्वास्थय के लिए अच्छा है
२.      साफ़ कपडे पहनने चाहिए
३.      साफ़ सुथरा रहना चाहिए
४.      घर में सफाई रखनी चाहिए
५.      गलियाँ और नालियां पार्क, शहर, बाजार सब साफ़ सुथरे होने चाहिए
६.       सिगरेट शराब पीना स्वाश्थ्य के लिए हानिकारक है
७.      सुबह घूमना चाहिए , व्यायाम करना चाहिए
कोई है ऐसा जिसको ये सब नहीं पता ...... हम सब को पता है ... लेकिन तब भी देश गन्दी हालत में है और देश का स्वास्थ्य और भी खराब हालत में ..... इसका मतलब ये है की देश के लोगो को जागरूकता की नहीं बल्कि मानस बदलने की जरूरत है ...
वो चीज़े जो धीमे जहर की तरह हमें नुक्सान करती है उन चीजो के नुक्सान को हम महसूस नहीं कर पाते और लगातार उस जहर का सेवन करते रहते हैं ... बिना ये सोचे हर छ महीने में हो जाने वाले बुखार का कारन यही है .. बिना ये सोचे की रोज गले में होती खराश का कारन ये धूल ही है ... बिना ये सोचे की लगातार कम होती जिंदगी का मुख्या कारन हर तरफ फैली गंदगी ही है
कई बार मुझे लगता है हम लोगो को स्वयं ही विश्वास नहीं है की हम साफ़ सुथरे रह सकते है ... हमारी नालियां, गालियाँ, मोहल्ले साफ़ रह सकते है ... और यही अविश्वास हम अपने बच्चो में पैदा करते हैं | कभी सोचा है की हम भगवान की पूजा करते रहते हैं सालो साल ... जिंदगी में उसके बावजूद भी दुःख आते रहते हैं .. लेकिन हम पूजा करना नहीं छोड़ते ... यही सोचते रहते हैं की एक दिन इसका फल जरूर मिलेगा .. क्यूँकी हम भगवान में विश्वास करते है .. यही विश्वास हमें अपने बच्चो में साफ़ सफाई के लिए पैदा करना होगा .. उन्हें समझाना होगा की अगर हम प्रयास करेंगे तो एक दिन वो सफल भी होगा | मैं जहां रहता हूँ वहा हमने मुस्कान ज्योति के साथ प्रयास किया और आज हमारी कॉलोनी पूर्ण रूप से स्वच्छ है |
देश के लोगो को ये समझाने की जरूरत है की बहुत छोटे छोटे प्रयास बहुत बड़ा काम कर सकते हैं जैसे जब विशाल पहाड़ पर पानी की पतली धारा बहनी शुरू होती है तो पहाड़ के सामने वो बहुत ही बोनी होती है ... लेकिन पानी की वो पतली धारा धीरे धीरे पहाड़ को काट कर घाटी बना देती है .... देश के लोगो को ये समझाने की जरूरत है की सड़क पर उडती धूल हमारे फेफडो में जाकर जम जाती है और हमारी स्वस्थ जिंदगी के अरमान पर भी धूल बैठा देती है ... हमें खुद को बदल कर अपने बच्चो के सामने ऐसे उदाहरण सेट करने पड़ेंगे जब हम उन्हें ऐसा साफ़ सुथरा वातावरण दे सके की वो गन्दगी में रह ही नहीं पाए .... मानस बदलने की लड़ाई एक निरंतर..... सालो तक किया जाने वाला प्रयास है ... अगर हम बच्चो को ये सिखाते रहे की साफ़ रहना चाहिए लेकिन हमने सब कुछ गंदा रहने दिया तो उसका कोई फायदा नहीं होने वाला .... हम लोग क्रेजी ग्रीन के रूप में पटाखे ना छुटाने को लेकर पिछले पांच सालो से स्कूलो में एक मुहीम चला रहे हैं ... इस विश्वास के साथ की आज जो बच्चे इसमें सहभागिता कर रहे हैं आज से दस पन्द्रह सालो बाद जब पिता बनेगे तो अपने बच्चो को पटाखे छुटाने के लिए मना करेंगे ... अगर पचास सालो में चीज़े खराब हुई हैं तो उनको ठीक करने में भी बहुत लंबा समय लगेगा |
आओ मिलकर देश को सुन्दर और साफ़ बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा बने ... सिर्फ अपने चहरे , अपने घर से आगे भी कुछ अपनि गलियों , अपने शहर और अपने देश के बारे में भी सोचे ... हम शपथ ले की अब से टोफ्फी का एक रेपर भी हम सड़क पर नहीं फेकेंगे .... शपथ ले की स्वयं और अपने आस पास के लोगो को बेजिझक सड़क पर कबाड डालने से मना करेंगे बिना इस बात की चिंता किये बगैर की वो सुनता है या नहीं ... शपथ ले की हमारी जिम्मेदारियां सिर्फ अपने घर के लिए नहीं हैं बल्कि हमारा मोहल्ला, हमारा शहर और हमारा देश का साफ़ होना भी हमारी जिम्मेदारी है | आओ आज मेरे साथ शपथ ले
साफ़ रखेंगे साफ़ रखेंगे
घर आगन को साफ़ रखेंगे
साफ़ रखेंगे साफ़ रखेंगे
गली मोहल्ले साफ़ रखेंगे
साफ़ रखेंगे साफ़ रखेंगे
शहर देश को साफ़ रखेंगे

सहारनपुर शहर के लोग खुशनसीब है की यहाँ पर सुनहरा कल प्रोग्राम में मुस्कान ज्योति जैसी संस्थाए शहर में बेहतरीन काम कर रही है और सफाई के साथ साथ हम लोगो के स्वास्थ्य को भी बेहतर करने में मदद कर रही है | बैठे बच्चो से, मुस्कान ज्योति संस्था के सदस्यों से और यहाँ उपस्तिथ सभी लोगो से निवेदन है की सफाई के लिए एक सोच विकसित करे और उस सोच को मूर्तरूप में लेकर आये .... सफाई को एक आदत बनाए क्यूंकि सफाई ही वह हथियार है जो कल देश को बेहतर नागरिक देगा ... मुझे इतना समय देने के लिए मैं मुस्कान ज्योति का और आपने मुझे इतने ध्यान से सूना उसके लिए मैं आप सभी लोगो का धन्यवाद करता हूँ | आप सभी लोगो के पूरी तरह स्वस्थ भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूँ और हाँ अंत में इतना जरूर कहना चाहूँगा की पूरी तरह स्वस्थ भविष्य सिर्फ हमारी बेहतर सफाई व्यवस्था पर निर्भर करेगा ... धन्यवाद 

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