
नए शोध के अनुसार भारतीय लोगो में बहुत तेजी से विटामिन डी की कमी हो रही है , जिसका मुख्य कारण लोगो का धुप से बचना है | विटामिन डी की कमी से हमारा शरीर कैल्शियम नहीं सोखता तथा चालीस साल के बाद पूरे शरीर में दर्द रहने लगता है तथा हम ओस्टियोपोरोंसिस की तरफ बढ़ने लगते हैं | आजकल अपने शरीर को ढ़क् कर चलने का एक फैशन हो गया है जिसके कारण आने वाले समय में बहत सी नयी मुसीबते भारतीय समाज पर आने वाली हैं | शरीर केवल ३०-४० मिनट में जरूरत का विटामिन सोख लेता है | आइये धुप का सामना करे और खुद पर तरस खाए | इसी शोध में एक बात और बताई गयी की भारत में सन स्क्रीन लोशन की हमें आवश्यकता ही नहीं होती जबकि यहाँ धडल्ले से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है | अगर आप ये इस्तेमाल भी करते हैं तो इसका ऐ पी एफ फेक्टर १२ से ज्यादा नहीं होना चाहिए | अगर ४० साल के बाद हड्डियों के टूटने का खतरा मोल नहीं लेना चाहते तो कुछ देर धुप में गुजारे | काली या सांवली स्किन के लोगो को कम से कम तीस प्रतिशत ज्यादा धुप का सामना करना होता है विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए |

विटामिन डी किसी भी शाक सब्जियों में नहीं पाया जाता | माँसाहारी लोगो को कुछ मांस के सेवन से इसकी बहुत ही सूक्ष्म मात्र में पूर्ती हो सकती है | लेकिन इसकी अगर आपके शरीर में कमी है तो इसकी बहार से खुराक ही लेनी पड़ती है | भारतीय लोग ज्यादातर शाकाहारी होते हैं या मांस उनकी रोज के खाने में शामिल नहीं होता इसलिए बहुत तेजी से इस कमी का शिकार हो रहे हैं | आजकल लड़कियों एवं महिलाओं के लिए मुह ढकना एवं हाथो को धुप से बचाने के लिए उन पर दस्ताने पहनना आम है , ये सब आने वाले समय में एक महामारी के रूप में सामने आएगा | लक्षण दिखने लगे हैं क्यूंकि हमारे आस पास ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी गिरने मात्र से ही कूल्हे की हड्डिय टूट चुकी हैं | आइये जागरूक करे अपने दोस्तों और अपने प्रियो को