अंतर्मन में मेरी पहली प्रस्तुति है - "काली" काली, बहुत घरों में रहने वाली, सीधी साधी सी एक लड़की की दशा को बताती है मैं चाहता हूँ हर काली के जीवन में रंग भर दिए जाएँ - ऐसे रंग, जो उसे अहसास दिलाये कि जीना सिर्फ एक ईंट हो जाना नहीं है |
सड़क से मकान की छत तक
ईंटे उठाती उठाती 'काली'
खुद ईंट बन जाती है॓
ईंट जो मकान बन के
सब सहता रहता है
धुप बारिश और सर्दी
जीवन को बचाने को
'काली' भी ईंट बन गयी है
जुल्म झेलने को खड़ी है
पति की गाली सुनती है
चुप खड़ी देखती रहती है
आगे जाकर काम करती है
आधा पेट भूखी रहती है
बच्चो के सपने बुनती है
सड़क से मकान की छत तक
ईंटे उठाती उठाती 'काली'
खुद ईंट बन जाती है॓
ईंट जो मकान बन के
सब सहता रहता है
धुप बारिश और सर्दी
जीवन को बचाने को
'काली' भी ईंट बन गयी है
जुल्म झेलने को खड़ी है
पति की गाली सुनती है
चुप खड़ी देखती रहती है
आगे जाकर काम करती है
आधा पेट भूखी रहती है
बच्चो के सपने बुनती है
'काली' भी ईंट बन गयी है
ईंट जिसे किसी एक दिन
फिर मिटटी हो जाना है
काली जो फूल सी आई थी
माँ बाबा के आँगन में
अब ईंट बन गयी है
कुछ फूलो को बचाने को
काली हम सब के घर में
रहती है हमेशा से चुपचाप
उसके मिटटी में जाने से पहले
आओ सब इंटो में रंग भर दे
काली कल फिर जहाज़ उड़ाएगी
काली रंगों के साथ भी हमेशा
बस कमाल ही कमाल दिखाएगी
धन्यवाद
बहुत ही शानदार अभिव्यक्ति है | पढ़ कर बहुत ही अच्छा लगा | धन्यवाद |
ReplyDeleteAjay, this is a great idea to write a blog in hindi, unfortunately I can't get the whole meaning.
ReplyDeleteFollow your consciousness!
My best for you!!
keep innovating always!
good begining............
ReplyDeletestarting of blog is very emotional
ReplyDeleteTHANKS TO ALL FOR MOTIVATING APPRECIATING ME
ReplyDeletegood & nice line...............
ReplyDeletenice poem..great job..:)
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